जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा जनहित कार्य: करुणाभाव के साथ समग्र मानवता की सेवा

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समय से स्वास्थ्य देखभाल न हो सकी तो इसके परिणाम अत्यन्त भयंकर हो सकते हैं। चिकित्सकीय सुविधाओं के अभाव में प्रतिदिन हजारों की में लोगों की मृत्यु हो रही है। अधिकांशतः अल्प सुविधा प्राप्त लोग धन के अभाव के कारण अपनी चिकित्सा के लिये किसी डॉक्टर के पास नहीं जा और अत्यन्त पीड़ादायक जीवन व्यतीत करते हैं। विशेषकर बच्चों के इस प्रकार की भयावह व कष्टदायक परिस्थितियाँ अत्यन्त निराशाजनक है। यदि समुचित चिकित्सकीय सुविधायें प्राप्त हो तो अनेक रोगों से बचा जा सकता है और न जाने कितनी मासूम जिन्दगियों को बचाया जा सकता है।

भारत में हैजा, निमोनिया एवं अन्य जानलेवा बीमारियों से प्रति 15 सेकण्ड 1 बच्चे की मृत्यु हो रही है। प्रतिवर्ष 20 लाख से भी अधिक 5 वर्ष से छोटे बच्चों की मृत्यु हो जाती है। आँकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में इस प्रकार हो रही मृत्यु की संख्या सर्वाधिक है।

अनेक वर्ष पूर्व विश्व के पंचम मूल जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने कहा था: “मैंने समाजसेवा व लोक कल्याण के उद्देश्य से जगद्गुरु कृपालु परिषत् को विभिन्न क्षेत्रों में अस्पतालों की स्थापना का सुझाव दिया था जिससे जरूतरमंदों का भौतिक उत्थान व शारीरिक कल्याण हो सके। मेरे परामर्श अनुसार जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा मनगढ़ एवं बरसाना में (वृन्दावन के चिकित्सालय का उद्घाटन 2015 में हुआ) चिकित्सालयों की स्थापना की गयी। ये चिकित्सालय अनवरत रूप से कार्यरत हैं तथा एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेदिक व नेचुरोपैथी पद्धति से चिकित्सा सेवायें प्रदान कर रहे हैं। यहाँ प्रदान की जा रही प्रत्येक सेवा पूर्णतया निःशुल्क है। “

जगद्गुरु कृपालु परिषत् की अध्यक्षाओं सुश्री डॉ विशाखा त्रिपाठी जी, सुश्री डॉ श्यामा त्रिपाठी जी एवं सुश्री डॉ कृष्णा त्रिपाठी जी हमारे गुरुदेव की सद्प्रेरणा एवं उनके द्वारा प्रशस्त समाज सेवा के मार्ग का अनुसरण करते हुये मानवता की सेवा के लिये सराहनीय प्रयास कर रही हैं। उनकी अध्यक्षता में चिकित्सालयों द्वारा निर्धनों की चिकित्सा सेवा व प्रतिवर्ष लाखों लोगों की जीवन रक्षा हो रही हैं। उनकी अध्यक्षता में प्रतापगढ़ जनपद की गुण्डा तहसील में एक अत्यन्त विशाल निःशुल्क शिक्षण संस्थान कार्यरत है, जहाँ प्रतिवर्ष शैक्षिक सुविधाओं से वंचित निर्धन ग्रामीण परिवारों की हज़ारों बालिकाओं को निःशुल्क रूप से शिक्षा प्रदान की जा रही है एवं उन्हें एक सुन्दर जीवन जीने का सुनहरा अवसर प्राप्त हो रहा है।

सम्माननीय सुश्री डॉ विशाखा त्रिपाठी जी, जगद्गुरु कृपालु परिषत् एजुकेशन की अध्यक्षा के शब्दों में — “यदि एक नारी सशक्त होती है तो वह न केवल समाज की उन्नति के लिये समाज में परिवर्तन लाती है साथ ही दूसरों को भी सार्थक जीवन जीने के लिये प्रोत्साहन प्रदान करने की क्षमता रखती है।”

चिकित्सा एवं शिक्षा के क्षेत्र में प्रदान किये जा रहे सराहनीय प्रयासों के अतिरिक्त जे के पी की अध्यक्षाओं द्वारा ‘Poor Relief Fund’ के माध्यम से प्रतिवर्ष हजारों जरूरतमंदों को उनके दैनिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है। उदाहरण के लिये प्रतिवर्ष हज़ारों अनावग्रस्त लोगों को गरम कम्बल, जैकेट व अन्य वस्त्रों का वितरण किया जाता है, जिससे भयानक शीत लहर के प्रकोप से उनकी जीवन रक्षा हो सके।

निष्कर्ष:
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के द्वारा स्थापित जगद्गुरु कृपालु परिषत् ने एक नये सोच की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो समाजसेवा और मानवता की सेवा को महत्वपूर्णता देने का प्रतीक है। उनकी प्रेरणा से संचालित चिकित्सालय और शिक्षा संस्थानों के माध्यम से वे निर्धन, गरीब और जरूरतमंद लोगों के जीवन में आराम और सहायता पहुँचा रहे हैं।

जगद्गुरु कृपालु परिषत् की सदस्य डॉ विशाखा त्रिपाठी जी, डॉ श्यामा त्रिपाठी जी और डॉ कृष्णा त्रिपाठी जी का प्रशासन और नेतृत्व इन प्रयासों को और भी महत्वपूर्ण बनाता है। उनकी दिशा में, चिकित्सालयों में निःशुल्क चिकित्सा सेवाएँ और शिक्षा संस्थानों में निःशुल्क शिक्षा के माध्यम से समाज के निर्धन वर्ग के बच्चों को बेहतर जीवन की संभावना मिल रही है।

इन सब प्रयासों से, जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा सामाजिक न्याय और सेवा की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रकट की जा रही है। वह न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य की दिशा में बल्कि शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी मानवता की सेवा कर रहे हैं। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में, हम सभी को अपने समाज में सहयोग और समर्पण की दिशा में प्रेरित होना चाहिए, ताकि हम सभी एक समृद्ध, संवृद्धि और समृद्धि से भरपूर समाज की दिशा में कदम बढ़ा सकें।

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Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj
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Written by Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj

"Kripalu maharaj "Don't Find Yourself. Create Yourself.Nobody sets the rules for you hence you can create your own life according to you.

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