जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज: एक मासूम को मिला नया जीवन

--

kripalu maharaj news

वर्तमान में हृदय रोग मृत्यु का सर्वप्रमुख कारण बनकर सामने आया है। भारत में हृदय रोगियों की संख्या सर्वाधिक है। भारत में लगभग 3 करोड़ से भी अधिक हृदय रोगी हैं, जिनमें करीब 1 करोड़ 60 लाख रोगी ग्रामवासी हैं। मानवता की सेवा में सतत प्रयत्नशील जे के सी द्वारा कई विशेष हृदय जाँच परीक्षण शिविर का आयोजन किया जाता है। सामान्य जनता जिनकी आर्थिक स्थिति इतनी सुदृढ़ नहीं होती कि वे हृदय विशेषज्ञों के पास जा सकें, वे लोग इस प्रकार के शिविर से लाभान्वित हो रहे हैं।

एक नवजात शिशु देवेश जिसके माता-पिता ने जब देखा कि दूसरे अस्पताल में चिकित्सा द्वारा उनके 3 माह के बच्चे का कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा है, तब वे बहुत ही व्यथित हो चुके थे। उनकी सारी जमा पूँजी देवेश के इलाज में खर्च करने के बाद भी उनके बच्चे की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी। जब उन्हें पता चला कि जे के सी द्वारा एक हृदय परीक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है, तब वे अपने बच्चे को लेकर जे के सी में शिविर के लिये विशेष रूप से आये दिल्ली के प्रसिद्ध डॉ खन्ना के पास पहुँचे। परीक्षण से पता चला कि देवेश का हृदय काम करना बन्द कर चुका है और पूर्व चिकित्सा के दौरान उसे जो दवाईयाँ दी गयी थीं, उनसे उसके गुर्दे भी खराब हो चुके थे। तब डॉ खन्ना ने देवेश को चिकित्सा है लिये दिल्ली ले जाने की सलाह दी। देवेश के माता-पिता के लिये यह कठिन परिस्थिति थी, परन्तु डॉ खन्ना बहुत ही आशावादी थे और उन्हें कहा कि जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ही इस बच्चे की देखभाल करेंगे, क्योंकि हम सब उन्हीं के द्वारा दिये गये उपदेशों एवं शिक्षाओं के आधार पर उनके द्वारा स्थापित ह चिकित्सालय में आकर चिकित्सा कार्य करते हैं। जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने बताया है कि चिकित्सक को सदैव प्रत्येक मरीज में भगवान का वास है, ये समझकर चिकित्सा करनी चाहिये।

देवेश को ICU में रखा गया और उसके गुर्दे का कष्ट निवारण करने के उपरान्त इमरजेन्सी सर्जरी के लिये ले जाया गया। सर्जन्स ने धैर्य दिलाते हुये बताया कि सब कुछ ठीक हो जायेगा और कुछ दिनों में ही देवेश की स्थिति सुधरने लगी। देवेश के माता-पिता बारम्बार जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज एवं जे के पी की अध्यक्षाओं को धन्यवाद देते हैं, साथ ही उन चिकित्सकों एवं नर्सों की प्रशंसा करते हैं जिन्होंने देवेश को बचाने में सहायता की थी। जगद्गुरु कृपालु परिषत् देवेश के लिये एक सुन्दर, स्वस्थ तथा दीर्घायु जीवन की कामना करता है।

निष्कर्ष:
जगद्गुरु कृपालु परिषत द्वारा आयोजन परीक्षण शिविर के माध्यम से एक मासूम को नया जीवन मिला है। आजकल के दौर में हृदय रोगों का बढ़ता प्रसार एक चुनौतीपूर्ण स्थिति बन चुकी है, लेकिन जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा स्थापित जगद्गुरु कृपालु परिषत के आयोजन किये गए चिकित्सा शिवरो के माध्यम से कई लोगो को स्वास्थ्य सुधारने मिली है।

देवेश की आवश्यकता के समय, जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के संदेशों की मानना, उनके सेवाश्रम में प्रदान की जाने वाली चिकित्सा सेवाओं का उपयोग करना देवेश और उनके परिवार के लिए एक अद्वितीय संजीवनी साबित हुआ। यह घटना यह सिद्ध करती है कि आध्यात्मिक शिक्षक के मार्गदर्शन में ही असली जीवन का अर्थ और महत्व होता है।

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने चिकित्सा के क्षेत्र में भी व्यापक सोच और मानवता की सेवा के प्रति अपने समर्पण की दिशा में प्रकट किया है। चिकित्सा के द्वारा न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य की सेवा करने का संदेश दिया है। उनका आदर्श और मार्गदर्शन हमें यह सिखाते हैं कि चिकित्सा न केवल वैद्यकीय तकनीकों में ही है, बल्कि उसमें उम्मीद, स्नेह, और ध्यान भी शामिल होना चाहिए।

--

--

Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj
Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj

Written by Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj

"Kripalu maharaj "Don't Find Yourself. Create Yourself.Nobody sets the rules for you hence you can create your own life according to you.

No responses yet